बुधवार 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी है। इस दिन घर-घर भगवान गणपति की पूजा होगी और जगह-जगह गणपति की स्थापना की जाएगी। इस बार चित्रा नक्षत्र, बुधवार और भाद्रपद महीने की चतुर्थी तिथि का खास संयोग बन रहा है।
पुराणों में बताया गया है कि ऐसे ही संयोग में देवी पार्वती ने दोपहर के समय भगवान गणपति की मूर्ति बनाई थी और भगवान शिव ने उनमें प्राण प्रतिष्ठा की थी।
गणपति स्थापना के शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा के अनुसार गणपति की स्थापना के लिए इस बार दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं:
- पहला शुभ मुहूर्त: सुबह 11:10 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
- दूसरा शुभ मुहूर्त: दोपहर 3:45 बजे से शाम 6:45 बजे तक
गणेश जी के सिद्धि विनायक रूप की पूजा हर मांगलिक कार्य से पहले की जाती है। माना जाता है कि यह रूप सुख और समृद्धि प्रदान करने वाला है और इनके पूजन से हर कार्य में सफलता मिलती है।
गणेश पूजा विधि
- भगवान गणेश की पूजा विधि इस प्रकार है:
- सुबह स्नान कर शुद्ध लाल रंग के कपड़े पहनें।
- पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पूजा करें।
- गणेश जी को पंचामृत और फिर गंगाजल से स्नान कराएं।
- लाल कपड़े से सजी चौकी पर गणपति की स्थापना करें।
- ऋद्धि-सिद्धि के प्रतीक स्वरूप दो सुपारी रखें।
- गणेश जी को सिंदूर लगाकर चांदी का वर्क चढ़ाएं या लाल वस्त्र पहनाएं।
- लाल चंदन का तिलक लगाएं और अक्षत (चावल) चढ़ाएं।
- मौली और जनेऊ अर्पित करें।
- लाल फूल, माला, इत्र और दूर्वा (घास) चढ़ाएं।
- नारियल, पंचमेवा और पाँच प्रकार के फल अर्पित करें।
- मोदक और लड्डुओं का भोग लगाएं।
- लौंग-इलायची अर्पित करें और दीपक-धूप जलाएं।
ऐसे करने से गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।